मेरे एकाकी होने का मेरा मर्म...
उस पर उद्द्वेलित विचारों का तवा गर्म
हो कभी लेखनी से गुस्ताखी
या जिव्व्हा की फ़िसलन बेशर्म
तो माफ़ करना मित्रो....!
प्राणोहुति के बाद भी विफ़ल रहे
आन्दोलन से.....
सीख लिया है सच बोलने का धर्म..!
उस पर उद्द्वेलित विचारों का तवा गर्म
हो कभी लेखनी से गुस्ताखी
या जिव्व्हा की फ़िसलन बेशर्म
तो माफ़ करना मित्रो....!
प्राणोहुति के बाद भी विफ़ल रहे
आन्दोलन से.....
सीख लिया है सच बोलने का धर्म..!
©susheelgairola2012
आएगा जरूर उजाला इस अंधियारी रात के बाद..
ReplyDeleteक्रांति की मशाल जलाये रखना
आन्दोलन नाम है उतार और चड़ाव का
बस मेरे "सुशील" अपने "अजय" की तरह होसला बनाये रखना .
जय हो ......