Total Pageviews

Monday, September 10, 2012

विफ़ल रहे आन्दोलन से.....

मेरे एकाकी होने का मेरा मर्म...
उस पर उद्द्वेलित  विचारों का तवा गर्म
हो कभी लेखनी से गुस्ताखी
या जिव्व्हा की फ़िसलन बेशर्म
तो माफ़ करना मित्रो....!
प्राणोहुति के बाद भी विफ़ल रहे
आन्दोलन से.....
सीख लिया है सच बोलने का धर्म..!








©susheelgairola2012

1 comment:

  1. आएगा जरूर उजाला इस अंधियारी रात के बाद..
    क्रांति की मशाल जलाये रखना
    आन्दोलन नाम है उतार और चड़ाव का
    बस मेरे "सुशील" अपने "अजय" की तरह होसला बनाये रखना .

    जय हो ......

    ReplyDelete